बातें कुछ अनकहीं...कुछ अनसुनी सी....एक जरिया...जिसके माध्यम से मैं और आप संवाद को और बेहतर कर सकते हैं.. एक कोशिश,
कुछ नया करने की... कुछ अलग करने की... ये ब्लाग उसी तरफ किया गया एक प्रयास है... आगे देखेंगे होता है क्या..!!!.
प्रमोद पाण्डेय
आजतक, दिल्ली
Tuesday, July 16, 2013
आज काफी दिनों बाद कुछ लिखने का मन कर रहा है... करीब तीन साल बाद अपने ब्लॉग को फिर से जिंदा करने का मन कर रहा है..
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