Friday, February 13, 2009

अभी नहीं तो कभी नहीं......

मुंबई आतंकी हमले में मासूम निर्दोषों को और सैनिकों को हम खो चुके हैं...
अब तो करलो बुद्धि मित्र ठिकाने परमुंबई भी रक्खी हैं आज निशाने परसौ-सौ लोगों को खोकर भी खामोशीकब टूटेगी सिंघासन की बेहोशी
अंधे लालच का सिन्धु भरके चित मेंध्रतराष्ट्र हैं मौन स्वयं-सूत के हित मेंवरना वो खुनी पंजे तुड़वा देतेअब तक .अफजल पे कुत्ते छुड़वा देते
जो ये कहते हैं भारत के रक्षक हैंवो ही अफजल जैसों के संरक्षक हैंबेशक सरे भारत का सर झुक जायेउनकी कोशिश हैं ये फंसी रुक जाये
निर्णय लेना होगा अब सरकारों कोपहले फांसी होगी इन गद्दारों को
एक बार फिर दहते स्वर में इन्कलाब गाना होगाफांसी का तख्ता जेलों से संसद तक लाना होगा.
प्रमोद...

प्रमोद...

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